जसपुर लकड़ी मंडी में जीएसटी चोरी के मामले सबसे बड़ी छापेमारी करोड़ों का घोटाला

जसपुर लकड़ी मंडी में जीएसटी चोरी के मामले सबसे बड़ी छापेमारी करोड़ों का घोटाला
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जसपुर शहर में कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी कार्यवाही इस दौरान बड़े पैमाने पर करोड़ों रुपए की कर चोरी किए जाने का मामला आया प्रकाश में
जसपुर के व्यापारियों द्वारा कई बुजुर्गों – विकलांगों -और कई मृतकों के नाम से यहां फर्जी फर्म में बनाकर टैक्स चोरी की जा रही थी
जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर रजनी यशस्वी ने बताया कि देश की सबसे बड़ी लकड़ी मंडियों में शामिल जसपुर में ही है ,
यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा जीएसटी घोटाला हो सकता है
जसपुर में लगभग 300 लोगों के नाम पर फर्जी फर्म बनाई गई हैं जिनके नाम पर फर्म बनाई गई
जिनके नाम पर फर्म बनाई गई है उनको भी इस बात का नहीं है संज्ञान सूत्रों के मुताबिक उनमें से कुछ लोग बिस्तर पर पड़े हैं कुछ दिव्यांग हैं कई लोगों की
मृत्यु भी हो चुकी है
जो लोग टैक्स चोरी कर रहे हैं वह जल्द जेल के अंदर होंगे उनके घर भी तोड़े जाएंगे
फर्नीचर की फर्जी खरीदारी दिखाकर आईटीसी यानी इनपुट टैक्स क्रेडिट कार्ड देते हुए लगभग 17 करोड का फर्जी किया था
डिप्टी कमिश्नर धर्मेंद्र सिंह चौहान विनय पांडे ने पाया कि आरोपी ईवे बिल में माल ढुलाई के लिए जिन वाहनों को दर्शाया था वे दो पहिया वाहन निकले
किसी भी वाहन टोल प्लाजा क्रास भी नहीं किया
ई वे बिल बनाने के लिए एक ही मोबाइल नंबर व ईमेल का प्रयोग किया गया
मैसेज पी एस इंटरप्राइजेज–एस एस एस इंटरप्राइजेज –सुरेश मेटल — डीएसटी पैकेजिंग–एस एस एस इंटरप्राइजेज–दीपक इंटरप्राइजेज शामिल है
विभाग की जांच में मौके पर मैं फर्म पी एस इंटरप्राइजेज के अलावा अन्य कोई इस समय नहीं चल रही थी

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ कि उत्तराखंड में जीएसटी चोरी के मामले में अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी करोड़ों का घोटाला खुलने का मामला सामने आ रहा है | प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के जिला उधम सिंह के नगर में जसपुर में शनिवार को जीएसटी यानि कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स वस्तु एवं सेवा कर के टीम ने लगभग एक सप्ताह के अंदर ही दूसरी बार सबसे बड़ी छापेमारी की कार्यवाही करते हुए फिल्मी स्टाइल में जसपुर शहर में कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई कार्यवाही इस दौरान बड़े पैमाने पर करोड़ों रुपए की कर चोरी किए जाने का मामला प्रकाश में आया |

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बताया जा रहा है कि जसपुर के व्यापारियों द्वारा कई बुजुर्गों – विकलांगों -और कई मृतकों के नाम से यहां फर्जी फर्म में बनाकर टैक्स चोरी की जा रही थी ,सूत्रों के मुताबिक जीएसटी की टीम ने होली से ठीक पहले ही जसपुर नगर में टैक्स चोरी को लेकर जीएसटी की कमोबेश में पूरे प्रदेश की टीम ने शहर में कई लकड़ी कारोबारियों के प्रतिष्ठानों एवं घरों में फिल्मी स्टाइल में अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मिलकर बड़ी छापेमारी की इसी तरह शनिवार को भी पुनः छापेमारी की गई माना जा रहा है | कि यह छापेमारी इससे पहले भी की गई छापेमारी में मिली लीड्स के आधार पर और उसी की अगली कड़ी के रूप में की गई है छापेमारी में पूरे जसपुर नगर के व्यापारियों में मचा हड़कंप ,इस दौरान जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर रजनी यशस्वी ने बताया कि देश की सबसे बड़ी लकड़ी मंडियों में शामिल जसपुर में ही है ,

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यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा जीएसटी घोटाला हो सकता है – इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने लंबे समय से जसपुर की गलियों में छानबीन की यहां किसी के कारोबारी फर्म का नाम पंजीकृत नहीं है बल्कि यहां लगभग 300 लोगों के नाम पर फर्जी फर्म बनाई गई हैं जिनके नाम पर फर्म बनाई गई है उनको भी इस बात का नहीं है संज्ञान

सूत्रों के मुताबिक उनमें से कुछ लोग बिस्तर पर पड़े हैं कुछ दिव्यांग हैं कई लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है इस पूरी गंदगी को साफ करना है तो जो लोग टैक्स चोरी कर रहे हैं वह जल्द जेल के अंदर होंगे उनके घर भी तोड़े जाएंगे उन्होंने लोगों से सहयोग के साथ ही किसी दूसरे को अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड किसी भी कीमत पर ना देने एवं ऐसे लोगों को सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की | प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य कर विभाग की टीम ने अप्रैल 2022 में हरिद्वार जिले के ज्वालापुर निवासी सुरेंद्र सिंह की छह फर्मों पर कार्रवाई की थी

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जांच में विभाग ने पाया कि आरोपित सुरेंद्र सिंह ने जीएसटी पंजीकरण मुख्य व्यापार मेन पावर सप्लाई का दिखाया लेकिन माल खरीद के बिना ही दिल्ली व हरियाणा की फर्मो से आयरन – प्लाईवुड में – फर्नीचर की फर्जी खरीदारी दिखाकर आईटीसी यानी इनपुट टैक्स क्रेडिट कार्ड देते हुए लगभग 17 करोड का फर्जी किया था – फर्जी बिलों में जिन फर्मो से खरीद फरोख्त दिखाई गई यह दिल्ली व हरियाणा में थी ही नहीं

,जीएसटी चोरी मामले में जांच कर रहे डिप्टी कमिश्नर धर्मेंद्र सिंह चौहान विनय पांडे ने पाया कि आरोपी ईवे बिल में माल ढुलाई के लिए जिन वाहनों को दर्शाया था वे दो पहिया वाहन के साथ ही किसी भी वाहन टोल प्लाजा क्रास भी नहीं किया , ई वे बिल बनाने के लिए एक ही मोबाइल नंबर व ईमेल का प्रयोग किया गया आरोपित सुरेंद्र सिंह ने छह अलग-अलग फॉर्म को जीएसटी में पंजीकृत किया था

इसमें मैसेज पी एस इंटरप्राइजेज –एस एस एस इंटरप्राइजेज — सुरेश मेटल — डीएसटी पैकेजिंग — एस एस एस इंटरप्राइजेज — दीपक इंटरप्राइजेज शामिल है | विभाग की जांच में मौके पर मैं फर्म पी एस इंटरप्राइजेज के अलावा अन्य कोई इस समय नहीं चल रही थी ,आरोपों की पुष्टि होने पर आरोपी सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है इधर शनिवार को सीजेएम हरिद्वार मुकेश चंद्र आर्य की अदालत ने सुरेंद्र सिंह को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई जुर्माना जमा करने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी

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जनता जनार्दन की आवाज संवाददाता अतुल अग्रवाल * हल्द्वानी | ,,,,,, जानकारी के मुताबिक नैनीताल जिलाधिकारी महोदया द्वारा 6 महीने पूर्व एक ब्यान दिया गया...